चांद पर अंतरिक्ष यान से उतरकर जब मानव ने रचा इतिहास।

वर्तमान आधुनिक काल में चाँद पर उतरने वाला विश्व का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यात्री अपोलो 11 (Apollo 11) मिशन के थे। यह मिशन अमेरिका की विख्यात अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) द्वारा संचालित किया गया था। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:




मिशन का नाम

अपोलो 11 (Apollo 11)


अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण (Launch)

  • तारीख: 16 जुलाई 1969
  • स्थान: केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा, अमेरिका
  • रॉकेट: सैटर्न V (Saturn V)


मिशन में शामिल अंतरिक्ष यात्री (Crew Members)

  1. नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong) – मिशन कमांडर
  2. बज़ एल्ड्रिन (Buzz Aldrin) – लूनर मॉड्यूल पायलट
  3. माइकल कॉलिन्स (Michael Collins) – कमांड मॉड्यूल पायलट


अन्तरिक्ष यान का चाँद पर उतरना

  • तारीख: 20 जुलाई 1969 (UTC)
  • भारतीय समय अनुसार (IST): 21 जुलाई 1969, लगभग सुबह 2:17 बजे
  • स्थान: सी ऑफ ट्रैंक्विलिटी (Sea of Tranquility) – चंद्रमा की सतह पर एक समतल क्षेत्र


कौन सा अन्तरिक्ष यात्री सबसे पहले चाँद पर उतरा?

नील आर्मस्ट्रांग चाँद पर पैर रखने वाले पहले व्यक्ति बने।
उनके बाद बज़ एल्ड्रिन उतरे।
माइकल कॉलिन्स चाँद के चारों ओर कमांड मॉड्यूल में परिक्रमा करते रहे और चाँद पर नहीं उतरे।


चाँद पर बिताया गया समय

  • लूनर मॉड्यूल (Eagle) चाँद पर लगभग 21 घंटे 36 मिनट तक रहा।
  • नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन ने चाँद की सतह पर लगभग 2 घंटे 15 मिनट पैदल चलकर नमूने इकट्ठे किए और प्रयोग किए।


अंतरिक्ष यान की पृथ्वी पर वापसी

  • वापसी की तारीख: 24 जुलाई 1969
  • वे सुरक्षित रूप से प्रशांत महासागर में उतरे।


इस मिशन का महत्व

  • यह मानव इतिहास का पहला मौका था जब इंसान ने किसी अन्य खगोलीय पिंड पर कदम रखा।
  • इसने अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक में नई दिशा दी।
  • शीतकालीन युद्ध में विश्व की दो सुपर पावर ताकते अमरीका और सोवियत संघ के बीच चल रही अंतरिक्ष दौड़ में अमरीका की यह एक ऐतिहासिक जीत थी।


आवारा कुत्तों पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश।

भारत में आवारा कत्तों  पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश – 22 अगस्त 2025



1. आदेश में संशोधन:

  • सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त के आदेश में संशोधन करते हुए अब आदेश दिया है कि दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के आवारा कुत्तों को पकड़े जाने के बाद शेल्टर में रहने के बजाय वापस उनके मूल इलाके में छोड़ा जाए। इस प्रक्रिया से पहले उन्हें नसबंदी (sterilisation) और टीकाकरण (immunisation) जरूर किया जाए।

2. अपवाद:

  • यदि कोई कुत्ता रेबीज (rabies) से संक्रमित हो या अत्यधिक आक्रामक (aggressive behavior) हो रहा हो, तो उसे उसी स्थिति में शेल्टर में ही रखा जाएगा, यानी इन्हें वापस नहीं छोड़ा जाएगा।

3. फ़ीडिंग ज़ोन (Feeding Zones):

  • अदालत ने यह भी निर्देशित किया कि शहर में नियोजित डेडिकेटेड फीडिंग ज़ोन बनाए जाएँ जहाँ आवारा कुत्तों को ही खाना खिलाया जाए। आम सार्वजनिक स्थानों पर सड़कों या गलियों में खाना खिलाना निषिद्ध होगा।

4. आदेश क्यों बदला गया?

  • 11 अगस्त वाले आदेश को नागरिकों और पशु-प्रेमियों द्वारा जारी विरोध, आश्रय घरों की अपर्याप्त क्षमता तथा तर्कों की वजह से व्यापक आलोचना झेलनी पड़ी। इन सबके मद्देनज़र, सुप्रीम कोर्ट ने सुधारात्मक निर्णय लिया।

5. प्रतिक्रिया:

  • पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और “डॉग लवर्स” इस नए आदेश से काफी राहत महसूस कर रहे हैं, और इसे "समूह-हित" (progressive step) या "वैज्ञानिक निर्णय" कहा जा रहा है। प्रमुख चेहरा मे नका गांधी ने इसे “वैज्ञानिक निर्णय” बताया और “आक्रामकता की परिभाषा” स्पष्ट करने की आवश्यकता पर बल दिया।


सारांश तालिका

पहलू आज का आदेश (संशोधित)
पकड़े गए कुत्ते नसबंदी और टीकाकरण के बाद वहीं वापस छोड़े जाएँ
अपवाद रेबीज या आक्रामक कुत्ते → शेल्टर में ही रहें
फ़ीडिंग नीति केवल विशेष फीडिंग ज़ोन में खाना खिलाना होगा
प्रशासनिक कारण विरोध और शेल्टर संसाधन की कमी के मद्देनज़र बदलाव
सामाजिक प्रतिक्रिया सकारात्मक, न्यायसंगत और वैज्ञानिक माना जा रहा है

यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है की भारत लाखों करोड़ो की तादाद में आवारा कुत्ते सड़कों पर मौजूद हैं। और लाखों मनुष्यों को काट कर घायल कर चुके हैं। हजारों बच्चों, महिलाओ, असहाय लोगों को असमय मृत्यु हो चुकी है। और  यह कि आवारा कुत्तों की वजह से सड़क पर निकलने में भी डर लगता है।

अब समाज के एक बड़े तबके की निगाहें मोदी सरकार पर टिक गई हैं कि वह आवारा कुत्तों के खात्मे के लिए एक विशेष कानून बनाए, ताकि समाज में बच्चे और बड़े बेखौफ होकर सड़कों पर निकल सकें।

Fastag Annual Pass Scheme लागू होने से वाहन मालिकों की हो गई बल्ले बल्ले।

15 अगस्त को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा Fast Tag Annual Pass Scheme (विशेष रूप से "Annual FASTag Toll Pass") जारी कर दिया गया जिससे वाहन स्वामियों को बहुत भारी लाभ होगा। अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भारत वासियों को दी गई इस नई सोगात के बारे में विस्तार से जानते हैं।




FASTag Annual Pass Scheme क्या है?

परिचय:
यह स्कीम भारतीय केंद्र सरकार द्वारा लॉन्च की गई है जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वाले निजी वाहन चालकों को प्रति यात्रा टोल देने की जगह एक सालाना पास खरीदकर 200 ट्रिप तक सुविधा-युक्त (FASTag के माध्यम से) टोल क्रॉसिंग की सुविधा मिलती है।


ख़ास बातें:

  • शुरुआत की तारीख:
    यह सुविधा 15 अगस्त 2025 (स्वतंत्रता दिवस) से लागू हो रही है।

  • कीमत और वैधता:
    पास की कीमत ₹3,000 है और यह एक साल की अवधि या 200 टोल ट्रिप्स, जो पहले भी पूरी हो जाए, तक मान्य रहेगा।

  • पर्याप्त बचत:
    सामान्यत: एक टोल औसतन ₹50–80 तक होता है। 200 ट्रिप में यह ₹10,000–16,000 तक हो सकता है। लेकिन इस पास से औसत कीमत ₹15 प्रति ट्रिप ही लगेगी, जिससे लगभग 80% तक की बचत होगी।

  • कवरेज क्षेत्र:
    यह पास केवल NHAI द्वारा नियंत्रित राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) और नेशनल एक्सप्रेसवे (NE) पर ही मान्य है—‌स्टेट हाईवे, नगरपालिका या निजी टोल प्लाज़ा पर नहीं।

  • योग्यता शर्तें:

    • वाहन में मौजूदा FASTag होना चाहिए।
    • FASTag सक्रिय (active), ब्लैकलिस्टेड न हो, और वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर उससे लिंक्ड होना चाहिए।
    • केवल प्राइवेट नॉन-कमर्शियल वाहन (कार, जीप, वैन) के लिए मान्य—ट्रक, बस, टैक्सी आदि के लिए नहीं।


पास कैसे अधिग्रहीत (Apply) करें?

  1. App या Website के माध्यम से:
    Rajmarg Yatra App या NHAI / Ministry of Road Transport & Highways (MoRTH) की वेबसाइट पर जाएँ। यहां से पास खरीदने व एक्टिवेशन का ऑप्शन मिलेगा।

  2. पेमेंट और एक्टिवेशन:

    • ₹3,000 का डिजिटल भुगतान करें (UPI / नेट बैंकिंग / कार्ड द्वारा)।
    • भुगतान के पश्चात् यह 2 घंटे के भीतर सक्रिय हो जाएगा और आपको SMS या ई-मेल के जरिए सूचना मिलेगी।
  3. EMI विकल्प:
    पास के लिए सरकार द्वारा कोई EMI स्कीम जारी नहीं है। लेकिन अगर आप क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते हैं, तो अपनी बैंक/कार्ड सेवा का उपयोग कर EMI में कन्वर्ट कर सकते हैं।


अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएँ एवं नियम:

  • ट्रिप गिनती का नियम:

    • पॉइंट-बेस्ड टोल प्लाज़ा — एक क्रॉसिंग = एक ट्रिप (राउंड ट्रिप = दो ट्रिप्स)।
    • क्लोज्ड टोलिंग सिस्टम में एंट्री–एग्जिट पेयर = एक ट्रिप।
  • रिन्यूअल और समाप्ति:
    200 ट्रिप्स पूरा होने या एक साल पूरे होने पर पास खुद-ब-खुद सामान्य (पे-पर-यूज) FASTag मोड में लौट आएगा। यदि आप फिर से लाभ लेना चाहते हैं, तो मैन्युअली इसे रिन्यू करना होगा।

  • ट्रांसफर और रिफंड:
    यह पास ट्रांसफरेबल नहीं है—सिर्फ उसी वाहन में वैध रहेगा जिसका FASTag इस्तेमाल हुआ था।
    अनयूज्ड ट्रिप्स के लिए कोई रिफंड नहीं मिलेगा।

  • ट्रैफिक एवं सुविधा लाभ:

    • टोल बूथ पर रुकने की समय बचत
    • जाम में कमी
    • डिजिटल,CONTACTLESS भुगतान से सुविधा और सुरक्षा — जैसे SMS अलर्ट वगैरह।

सारांश तालिका

विशेषता विवरण
लागू तिथि 15 अगस्त 2025
पास की कीमत ₹3,000
वैधता 1 वर्ष या 200 ट्रिप्स, जो पहले हो
बचत प्रति ट्रिप ₹15 (~80% तक बचत)
मान्यता केवल NH & NE (NHAI) पर
पात्र वाहन प्राइवेट (कार/जीप/वैन), नॉन-कमर्शियल
अधिग्रहण Rajmarg Yatra App / NHAI या MoRTH वेबसाइट से
भुगतान विकल्प UPI / नेट बैंकिंग / कार्ड (EMI संभव via क्रेडिट कार्ड)
विशेष फायदे समय की बचत, जाम में कमी, डिजिटल सुविधा