भारत के कुल राज्य और उनकी राजधानियां | Indian states and their capitals

भारत दुनिया का दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होने के कारण  भारत में विश्व की सबसे ज्यादा जनसंख्या भी निवास करती है। वर्तमान में भारत की जनसंख्या लगभग 140 करोड़ के आसपास मानी जाती है। विविधता में  एकता भारत की पहचान है, तथा यही भारत के लोकतंत्र की मुख्य ताकत है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है तथा भारत में ही दुनिया की सर्वाधिक आबादी लगभग 140 करोड़ निवास करती है, लेकिन क्षेत्रफल के हिसाब से भारत दुनिया में सातवें नंबर पर आता है। भारत का क्षेत्रफल 3.287 मिलियन किलोमीटर स्क्वायर है। भारत सैनिक ताकत में विश्व में चौथा सबसे बड़ा देश है, वही भारत आर्थिक दृष्टि से दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा देश है। भारत को पहले इंडस नाम से भी जाना जाता था। भारत में पूर्व में केवल 17 राज्य थे, लेकिन भारत की स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने राज्यों को विभाजित कर दिया। वर्तमान समय में भारत में कुल मिलाकर 28 राज्य हैं। 28 राज्यों के अतिरिक्त 8 केंद्र शासित प्रदेश भी हैं। पंजाब और हरियाणा राज्य की एक ही राजधानी चंडीगढ़ है। वहीं पर भारत में कुछ राज्य ऐसे भी है, जिन की दो राजधानी है। आज हम आपको भारत के राज्य और उनकी राजधानीयो के बारे में जानकारी देंगे।




भारत के कुल राज्य और उनकी राजधानियों के नाम

क्रम संख्या   राज्य का नाम   राजधानी का नाम

1.                उत्तराखंड                 देहरादून

2.                 उत्तर प्रदेश               लखनऊ

3.                आंध्र प्रदेश            विशाखापत्तनम

4.                 तेलंगाना                  हैदराबाद

5.                 नागालैंड                   कोहिमा

6.                 त्रिपुरा                       अगरतला

7.                 गोवा                        पणजी

8.                 केरल                    तिरुवंतपुरम

9.                 तमिलनाडु                चेन्नई

10.                बिहार                       पटना

11.                असम                      दिसपुर

12.                अरुणाचल प्रदेश        इटानगर

13.                मणिपुर                    इंफाल

14.                 उड़ीसा                     भुवनेश्वर

15.                 झारखंड                    रांची

16.                 तमिलनाडु                  चेन्नई 

17.                  गुजरात                 गांधीनगर

18.                  छत्तीसगढ़                रायपुर

19.                  सिक्किम                 गंगटोक 

20.                 राजस्थान                 जयपुर 

21.                  कर्नाटक                  मेंगलोर

22.                  पंजाब                     चंडीगढ़

23.                  मेघालय                    शिलांग

24.                 मिजोरम                 आइजोल

25.                  हरियाणा                  चंडीगढ़

26.                 पश्चिम बंगाल         कोलकाता 

27.                  मध्यप्रदेश                 भोपाल

28.                  महाराष्ट्र                     मुंबई


भारत के केंद्र शासित प्रदेश | Union Territory of India

1. अंडमान एंड निकोबार दीप समूह

2. लद्दाख

3. चंडीगढ़

4. दमन एंड दीव

5. दिल्ली दिल्ली 

6. जम्मू एंड कश्मीर

7. पांडिचेरी 

8. लक्ष्यद्वीप

9. दादर और नगर हवेली


भारत के ऐसे राज्य के नाम जिनकी दो राजधानियां है।

👉 हिमाचल प्रदेश राज्य की भी दो राजधानियां है। हिमाचल प्रदेश की शीतकालीन राजधानी धर्मशाला है, जबकि ग्रीष्मकालीन राजधानी का नाम शिमला है।

 👉 वहीं पर उत्तराखंड राज्य की भी दो राजधानियां है । उत्तराखंड की शीतकालीन राजधानी देहरादून जबकि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण है।

👉 लद्दाख राज्य की भी दो राजधानियां है। जिनके नाम लेह और कारगिल हैं।

 👉 महाराष्ट्र की भी दो राजधानियां है। ग्रीष्मकालीन राजधानी मुंबई और शीतकालीन राजधानी नागपुर है।

 👉 जबकि जम्मू कश्मीर की भी दो राजधानी है।  ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और शीतकालीन राजधानी जम्मू है।

 👉 वहीं पर भारत के पंजाब और हरियाणा राज्य की एक ही राजधानी चंडीगढ़ है। दोनों राज्यों की राजधानी होने के साथ-साथ चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश भी है।

👉 वहीं पर आंध्र प्रदेश राज्य की तीन राजधानी है जिनके नाम अमरावती विशाखापत्तनम और  कुर्नूल है।


भारत में वर्तमान समय में कितने केंद्र शासित राज्य हैं?

भारत में वर्तमान समय में 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं।



भारत का सबसे बड़ा राज्य आकार के मुताबिक कौन सा है?

क्षेत्रफल के मुताबिक भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है।



भारत के किस राज्य की जनसंख्या देश में सबसे ज्यादा है?

उत्तर प्रदेश राज्य की जनसंख्या भारत के सभी राज्यों से सर्वाधिक है।

  • सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य भारत में कौन सा है?

 भारत में सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य सिक्किम है।



किस राज्य की साक्षरता दर भारत में सर्वाधिक है?

 केरल राज्य की साक्षरता दर भारत में सर्वाधिक है। ऐसा भी कह सकते हैं कि, केरल भारत का सर्वाधिक शिक्षित राज्य है।


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सॉलिड सेहत बनाने के लिए क्या खाएं | सेहत कैसे बनाएं क्या खाएं

आज की इस पोस्ट में हम बताएंगे की सेहत कैसे बनाएं क्या खाएं, सेहत बनाने के घरेलू उपाय, सेहत क्यों नहीं बनती है, सेहत बनाने के लिए क्या खाना चाहिए, अच्छी सेहत के लिए कसरत कितनी जरूरी है, सेहत के लिए सबसे अच्छा फल कौन सा है, अच्छी सेहत से अच्छा खिलाड़ी कैसे बना जा सकता है। दमदार खिलाड़ी | खतरनाक खिलाड़ी | डेंजरस खिलाड़ी के लिए अच्छी सेहत क्यों जरूरी है।

सेहत कैसे बनाएं क्या खाएं | how to make health what to eat





हमारे देश में हमेशा ही सेहत को धन से ऊपर रखा गया है, तथा यह माना गया है कि जिसके पास अच्छी सेहत है उसके पास तमाम खजाना है। सेहत ही धन है | health is wealth.

अच्छी सेहत के लिए अच्छा खानपान बहुत ही जरूरी है। अच्छी सेहत पाने के लिए व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में उचित भोजन उचित समय पर ग्रहण करना चाहिए। बड़े बुजुर्गों ने कहा भी है जैसा खाए अन्न वैसे होवे मन

 खानपान का हमारी सेहत, हमारे व्यवहार और हमारे जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। आमतौर पर दो खानपान ज्यादा प्रचलित है।


 शाकाहारी भोजन और मांसाहारी भोजन। दोनों ही तरह के भोजन लेने वालों को यह सुनिश्चित करना चाहिए की उनके भोजन में पर्याप्त मात्रा में विटामिंस, कैलोरी, आयरन आदि की पर्याप्त मात्रा हो। इसके साथ ही हर व्यक्ति को यह प्रयास करना चाहिए की वह दूध और दही का इस्तेमाल अवश्य करें। भारत में तो किसी समय दूध दही की नदियां बहा करती थी। आज भी भारत दुग्ध उत्पादन में विश्व में नंबर दो पर विराजमान है, वह शीघ्र ही वह नंबर एक पर भी आ सकता है।

अच्छी सेहत के लिए क्या करना चाहिए



 अच्छी सेहत के लिए व्यक्ति को अपने खानपान में फलों का इस्तेमाल भी जरूर करना चाहिए, प्रयास करना चाहिए की मौसमी फल लेना चाहिए । सेहत के लिए सबसे अच्छा फल कौन सा है, यह सवाल हर एक के मन में पैदा होता है। मगर हमारा यह मानना है, की हर फल का अपना अलग-अलग स्वाद होता है। जैसे: सेब, केला, आम, अनार, पपीता, चीकू, कीवी, अनार, स्ट्रौबरी, अंगूर, अमरूद आदि। वैसे भारत में यह कहावत भी बहुत प्रचलित है की प्रतिदिन एक सेब खाने वाले को डॉक्टर की जरूरत नहीं पड़ती। 

फलों के साथ-साथ अच्छी सेहत के लिए ड्राई फ्रूट का भी बहुत महत्व है। ड्राई फ्रूट में काजू, बादाम, किसमिस, छुआरा, चिरौंजी, पिस्ता आदि अपने बजट के अनुसार लिए जा सकते हैं।


 मूंगफली में भी बहुत सारे विटामिंस आदि होते हैं और भारत में मूंगफली को गरीबों का बादाम भी कहते हैं। 

अच्छी सेहत के लिए व्यक्ति को आजकल के फास्ट फूड से दूर रहना चाहिए, जंक फूड से भी बचना चाहिए तथा तैलीय पदार्थों का भी इस्तेमाल थोड़ा कम करना चाहिए।


सेहत बनाने के घरेलू उपाय | home remedies for health


सेहत बनाने के घरेलू उपाय में हम राय देते हैं कि व्यक्ति को बाहर बाजार में खाने की अपेक्षा घरेलू खाने पर ज्यादा जोर देना चाहिए। घर में बाहर की अपेक्षा ज्यादा साफ सफाई होती है तथा घर का खाना हमेशा ही उम्दा माना जाता है । बाहर के तीखे मिर्च मसालों से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकता है। व्यक्ति को मोटे अनाज का भी सेवन करना चाहिए। 
जैसे: मक्का, बाजरा, ज्वार आदि को भी विभिन्न रूप से अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। यह सब अच्छी सेहत के लिए बहुत ही जरूरी है।


सेहत क्यों नहीं बनती है | why doesn't health


समय पर उचित खानपान ना लेने से अच्छी सेहत नहीं बनती है। इसके अतिरिक्त साफ सुथरा भोजन और पौष्टिक भोजन ना लेने के कारण भी अच्छी सेहत नहीं बनती है। अच्छी सेहत के लिए व्यक्ति को सुबह जल्दी उठना जरूरी होता है तथा रात को समय से सोना भी बहुत जरूरी होता है। सुबह उठकर व्यक्ति को थोड़ा टहलना चाहिए और बाहर की ताजी हवा भी लेनी चाहिए। ताजी हवा व्यक्ति के शरीर पर स्फूर्ति भर देती है। सुबह लेट उठने से तथा रात्रि को देर से सोने से भी अच्छी सेहत नहीं बनती है।

                                             

egg bhurji recipes | अंडा भुर्जी बनाने की विधि

अच्छी सेहत के लिए कसरत कितनी जरूरी है | how important is exercise for good health

शरीर की सेहत कैसे बनती है?

अच्छी सेहत के लिए कसरत बहुत ही जरूरी है। कसरत से व्यक्ति की मांस पेशियों में मजबूती आती है तथा पूरा शरीर मजबूत हो जाता है। एक दमदार खिलाड़ी बनने के लिए भी कसरत बहुत जरूरी है । खतरनाक खिलाड़ी | डेंजर खिलाडी बनना बच्चों का खेल नहीं है, उसके लिए अच्छी सेहत बहुत ही जरूरी है।


दमदार खिलाड़ी| खतरनाक खिलाड़ी| डेंजरस खिलाड़ी के लिए अच्छी सेहत क्यों जरूरी है


एक सफल दमदार खिलाड़ी बनने के लिए अच्छी सेहत बहुत ही जरूरी है। अच्छी सेहत खिलाड़ी के लिए एक वरदान से कम नहीं होती। आज का खेल अच्छी सेहत के ऊपर ही निर्भर है। हर खिलाड़ी को अपनी फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए। खिलाड़ियों का खिलाड़ी ही ओलंपिक में गोल्ड मेडल लेकर आता है और अपने देश का नाम रोशन करता है। खेल का महत्व बहुत ज्यादा है तथा जीवन में खेलों का महत्व हर किसी को जानना जरूरी है। बच्चों के खेल बचपन में अलग तरह के होते हैं, लेकिन वह खेल खिलौना से ही अपना खेल खेल लेते हैं। उनको मदारी का खेल, बंदर बंदरिया का खेल, गुड्डे गुड़िया का खेल अच्छे लगते हैं।

 जब बच्चा बड़ा हो जाता है तो वह हॉकी का खेल, फुटबॉल का खेल, वॉलीबॉल का खेल, क्रिकेट का खेल, बॉक्सिंग का खेल, टेबल टेनिस का खेल, कुश्ती का खेल, कबड्डी का खेल, जूडो कराटे का खेल, बैडमिंटन का खेल आदि खेलते हैं। हर खेल में खिलाड़ी की सेहत तथा फुर्ती बहुत ही काम आती है। अच्छी फिटनेस, अच्छी सेहत और अच्छी कोचिंग, एक दमदार खिलाड़ी बनने के लिए बहुत ही जरूरी है।

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बीमा की जानकारी | bima kya hota hai

आज की general knowledge पोस्ट में सामान्य बीमा और जीवन बीमा के बारे में जानकारी| jankari देंगे। और बताएंगे कि Insurance kya hota hai.




सामान्य जनजीवन की general knowledge में आमतौर पर लगभग सभी लोगों ने बीमा | bima का नाम सुना होता है। Insurance hindi meaning बीमा होता है। एक सामान्य व्यक्ति के विचार के अनुसार भी बीमा एक ऐसी वस्तु होती है, जो व्यक्ति को हुए शारीरिक या आर्थिक नुकसान की क्षतिपर्ति करती है। यह नुकसान व्यक्ति के जीवन में कई तरह से हो सकता है,

 जैसे शारीरिक अपंगता, शारीरिक बीमारी, विकलांगता, किसी वस्तु को आग लगना, चोरी होना, भूकंप में मकान गिरना, जानवरों की हानि आदि। बीमा का क्षेत्र बहुत ही व्यापक होता है।


बीमा का मतलब क्या होता है | bima kya hai 




 बीमा का मतलब Insurance होता है। बीमा में जोखिम को परस्पर आपस में बांट लिया जाता है। निर्धारित प्रीमियम अदा करने पर बीमा कंपनी निर्धारित बीमा करती है और भविष्य में कोई भी नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति का आश्वासन देती है।


बीमा क्या है बीमा के प्रकार | बीमा कितने प्रकार का होते हैं 

भारत में आज भी बहुत बड़ी जनसंख्या यह नहीं जानते जानती की बीमा क्या है और बीमा कितने प्रकार का होता है?
 आज की पोस्ट में हम इसका जवाब दे रहे हैं।

 सामान्य तौर पर बीमा को हम निम्न क्षेत्रों में विभाजित करते हैं।

जैसे जीवन बीमा और सामान्य बीमा।

 जीवन बीमा में जहां एक आम व्यक्ति के जीवन का बीमा, विकलांगता और बीमारी आदि का बीमा होता है, वहीं पर सामान्य बीमा में चोरी, होना आग लगना, पैसों की हानि, संपत्ति के हानि, स्वास्थ्य, वाहन दुर्घटना, कारपोरेट आदि बहुत सी चीज इसके अंतर्गत आते हैं। सामान्य बीमा का क्षेत्र बहुत ही व्यापक है और लगभग हर वस्तु और चीज का बीमा करवाया जा सकता है।


बीमा की सरल परिभाषा क्या है | bima kya hota hai 

बीमा को सरल शब्दों में कह सकते हैं की यह एक प्रकार का अनुबंध होता है, जिसमें किसी व्यक्ति या संगठन या औद्योगिक समूह द्वारा बीमा कंपनी को किसी वस्तु या सेवा या मोटर वाहन या अन्य कुछ के जोखिम को देखते हुए बीमा कंपनी को निर्धारित प्रीमियम दिया जाता है।

 प्रीमियम की एवज में बीमा कंपनी जिस व्यक्ति वस्तु या सेवा आदि का बीमा पॉलिसी प्रदान करती है। उसमें कोई त्रुटि या क्षति आने पर निर्धारित क्षतिपूर्ति बीमा कंपनी द्वारा अदा की जाती है।



बीमा से क्या फायदा होता है | बीमा के लाभ 

बीमा के फायदा होते हैं। इसमें किसी के द्वारा किसी भी वस्तु, सेवा या जीवन का बीमा कराए जाने पर निर्धारित प्रीमियम अदा करने पर कोई क्षतिपूर्ति होने पर बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित क्षतिपूर्ति प्रदान की जाती है।


बीमा के सिद्धांत

बीमा क्षतिपूर्ति के सिद्धांत पर कार्य करता है, जिसमें बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित प्रीमियम ग्रहण कर एक अनुबंध के तहत किसी भी वस्तु, सेवा वा जीवन को भविष्य में पहुंचने वाली किसी भी संभावित क्षति की क्षतिपूर्ति का आश्वासन दिया जाता है।


बीमा के कार्य

संरक्षण और सुरक्षा देना बीमा के प्राथमिक कार्य हैं। संभावित हानि से बचाव करना बीमा का प्रमुख कार्य होता है। बीमा एक कवच की तरह काम करता है, जोकि किसी भी जोखिम से रक्षा करता है और बीमा आर्थिक रूप से ढाल बनकर सुरक्षा कवच प्रदान करता है।


जीवन बीमा क्या है| life insurance kya h

जीवन बीमा व्यक्ति का बीमा होता है। जीवन बीमा में बीमित की मृत्यु, आंशिक विकलांगता या स्थाई विकलांगता होने पर जीवन बीमा की पॉलिसी में वर्णित निर्धारित शर्तों के अनुसार बीमित को मुआवजा क्षतिपूर्ति या बीमा धन प्रदान किया जाता है, वहीं पर बीमित व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु होने पर नॉमिनी को बीमा पॉलिसी की शर्तों के अनुसार बीमा धन का भुगतान किया जाता है। कुछ बीमा की योजनाओं में बोनस का भी भुगतान करने का प्रावधान होता है।

सामान्य बीमा क्या है




सामान्य बीमा जीवन बीमा से कुछ अलग होता है, इसमें व्यक्ति सामान्य जीवन में काम आने वाली वस्तु, सेवा, बिल्डिंग आदि का बीमा करवा सकता है।

 सामान्य बीमा में पशु, आग, बिल्डिंग, मोटर, नगदी, यात्रा आदि लगभग हर वस्तु का बीमा किया जाता है। वस्तु की कीमत के अनुसार ही उसका प्रीमियम निर्धारित किया जाता है। कोई भी बीमा करवाने  के बाद कोई भी संभावित क्षतिपर्ति होने पर बीमा कंपनी अपने सर्वेयर से उसकी जांच करवा कर नियम व शर्तों के अधीन जो नुक्सन बनता है, उसकी क्षतिपूर्ति करती है।


हमें बीमा की आवश्यकता क्यों है

आज बीमा हमारे जीवन का एक आवश्यक अंग बन गया है, और हमें अनिश्चित जीवन के चलते हुए हर वस्तु, सेवा और अपने जीवन का बीमा अवश्य ही करवाना चाहिए, ताकि किसी भी संभावित क्षति के लिए अपने और अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


मुझे बीमा क्यों खरीदना चाहिए

मुझे अपने जीवन या किसी वस्तु के संभावित क्षति होने से मुआवजा पाने के लिए बीमा अवश्य करवाना चाहिए। जीवन बीमा में आकस्मिक मृत्यु होने पर बीमा पॉलिसी में व्यक्ति द्वारा नियुक्त नॉमिनी को निर्धारित बीमा धन की प्राप्ति होती है।


अगर मैं बीमा खरीदता हूं तो किसे लाभ होगा

कई बार आम व्यक्ति के दिमाग में यह बात आती है की, अगर मैं बीमा खरीदता हूं तो किसे लाभ होगा?

 तो इसका सीधा जवाब यह है की किसी वस्तु की क्षतिपूर्ति होने पर बीमा कंपनी बीमा का भुगतान उस व्यक्ति को ही करती है, लेकिन अगर बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी हो तो उसके परिजन भी बीमा क्लेम कर सकते हैं। वहीं पर जीवन बीमा में स्थाई विकलांगता या बीमारी होने पर बीमित व्यक्ति खुद भी मुआवजा ले सकता है और विविध व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु होने पर उसके वारिसान भी बीमा क्लेम की धनराशि प्राप्त कर सकते हैं।


बीमा खरीदते समय मुझे क्या देखना चाहिए

 यह सवाल बहुत ही महत्वपूर्ण है की बीमा खरीदते समय मुझे क्या देखना चाहिए?

 और इसका सीधा सा जवाब यह है की बीमा खरीदते समय व्यक्ति को अपने जरूरतों और भविष्य में होने वाली संभावित हानि का आकलन करना चाहिए। संभावित हानि में जीवन के हानि और वस्तु की हानि आदि सम्मिलित होती है।


क्या मैं एक से अधिक बीमा पॉलिसी खरीद सकता हूं

कोई भी व्यक्ति एक से अधिक बीमा पॉलिसी खरीद सकता है। व्यक्ति अपने जीवन बीमा पॉलिसी भी एक से अधिक खरीद सकता है। वहीं पर सामान्य बीमा में दुकान, मकान, वाहन आदि का बीमा पॉलिसी भी अलग-अलग खरीद सकता है, तथा बीमा पॉलिसी भी अलग-अलग कंपनियों की खरीद सकता है।


क्या कोई  बीमा अनिवार्य है

भारत में जीवन बीमा करवाना स्वैच्छिक है, और हर व्यक्ति अपने इच्छा अनुसार जीवन बीमा करवाने या ना करवाने के लिए स्वतंत्र है। वहीं पर साधारण बीमा में कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं। वहां पर मोटर बीमा आवश्यक है, तथा हर वाहन को सड़क पर चलाने के लिए वाहन का बीमा होना अनिवार्य है।


स्वास्थ्य बीमा का क्या महत्व है

स्वास्थ्य विभाग बीमा का महत्व दिन प्रतिदिन समाज में बढ़ता ही जा रहा है। विश्व में बढ़ते आधुनिकीकरण के कारण व्यक्ति के जीवन में बीमारियां भी बढ़ती जा रही है, और कई बार एक आम व्यक्ति के पास इतना पैसा नहीं होता की अकस्मात कोई बड़ी बीमारी से पीड़ित होने पर वह अपना इलाज करवा सके। ऐसे बुरे वक्त में स्वास्थ्य बीमा, बीमित व्यक्ति और उसके परिजनों के लिए एक सुरक्षा कवच प्रदान करता है ।  बीमित को आर्थिक संकट से राहत प्रदान करते हुए इलाज के लिए धन की व्यवस्था करता है।

 देश के बहुत बड़े-बड़े हॉस्पिटल में विविध व्यक्ति का बीमा पॉलिसी देखकर तुरंत इलाज हो जाता है और इलाज करा पैसा निर्धारित नियमो के अंतर्गत बीमा कंपनी अदा करती है बीमा कंपनियों का बड़े-बड़े हॉस्पिटल से  टाई अप है।


बीमा प्रीमियम क्या है

कोई भी व्यक्ति अपने स्वयं के जीवन या माल पर जब किसी संभावित खतरे के लिए बीमा कंपनी से बीमा खरीदना है, तो उसकी एवज में उसको कुछ पैसा भी अदा करना पड़ता है, उसी को बीमा प्रीमियम कहते हैं।


प्रीमियम की गणना कैसे की जाती है

बीमा कंपनी व्यक्ति या समान की जोखिम की संभावित परिकल्पना कर प्रीमियम तय करती है।

प्रधानमंत्री बीमा योजना क्या है

भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा  समस्त भारत वासियों के लिए pm bima yojna शुरू की गई थी। बीमा योजनाएं सरकार द्वारा देश के नागरिकों के लिए बनाई जाती है। इस बीमा योजना में बीमार | bimar व्यक्ति को 500000 तक का निशुल्क बीमा मिलता है, और वह  सरकार द्वारा नियुक्त हॉस्पिटल में  ₹500000 तक का अपना इलाज करवा सकता है। jeewan jyoti bima yojna भी भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है, जिसमें देश का हर नागरिक (पागल और दिवालिया, या किसी और तरह से सरकार या कानून द्वारा प्रतिबंधित व्यक्ति को छोड़कर) नाममात्र के वार्षिक प्रीमियम का भुगतान करने पर बीमित हो सकता है।


बीमारियों के लिए प्रार्थना

भारत में यह कसम कथन बहुत मशहूर है की जहां पर दवा काम नहीं करती वहां पर कई बार दुआ काम कर देती है। बीमार के लिए दुखी बीमारी के लिए प्रार्थना उसके परिजन करते हैं। बीमारी के लिए प्रार्थना मरीज की बीमारी को सही करने के लिए होती है और यह चंगाई के लिए प्रार्थना मानी जाती है।


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egg bhurji recipes | अंडा भुर्जी बनाने की विधि | egg recipes

आज हम egg recipes में egg bhurji बनाने के बाद बाबत जानकारी | jankari दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त पहले अंडा आया या मुर्गी, अंडा खाने के फायदे, पहले मुर्गी आई या अंडा, अंडा खाने के फायदे, अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी, egg rate,egg fried rice, what are the benefits of egg, egg fry आदि अंडा से संबंधित बहुत सी जानकारी देंगे।



अंडा भुर्जी बनाने की विधि | egg bhurji recipes

अंडा भुर्जी बनाने के लिए सर्वप्रथम हमें अंडा की जरूरत पड़ती है  हमें सबसे पहले यह जानकारी होनी चाहिए की मेरे घर के पास egg shop near me कौन सी है। उसके बाद हमें egg shop पर जाना चाहिए और अंडे की दुकान के दुकानदार यानी egg man से egg rate का पता करना चाहिए। 

घर से जाने से पूर्व गूगल पर today egg rate का भी पता कर लेना चाहिए। egg tray से egg खरीदते वक्त best egg और new egg ही खरीदना चाहिए। 

बड़े शहरों में हमें urban egg ही मिलते हैं, जबकि गांव देहात में हमें आज भी देसी मुर्गी के अंडे मिल जाते हैं। गांव के लोग देसी मुर्गी को बड़े चाव से पालते हैं। ऐसा माना जाता है की देसी मुर्गी के अंडे में urban egg के मुकाबले में ज्यादा ताकत और egg protein होता है।

 egg shop से egg tray में best egg और new egg खरीदने के बाद अंडा भुर्जी बनाने के लिए ज्यादातर  मेटेरियल अपने घर की किचन में ही मिल जाता है।





सर्वप्रथम हमें अपने जरूरत की अंडा भुजिया बनाने के लिए आवश्यक अंडों को अंडे की ट्रे से निकालकर उनको तोड़कर छिलकों को डस्टबिन में डाल देना चाहिए, और अंडे के अंदर से निकले हुए मेटेरियल यानी कच्चा अंडा जोकि लिक्विड रूप में होता है, उसको किसी छोटे बर्तन में डालकर चम्मच से या किसी अन्य आवश्यक उपकरण से अच्छी तरह से फेंट लेंना चाहिए, इससे अंडे की जर्दी जोकि पीले रंग की होती है सब आपस में मिक्स हो जाती है।


 उसके बाद हमें किसी दूसरे छोटे बर्तन में अपने आवश्यकतानुसार प्याज, टमाटर, धनिया अलग-अलग छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेना चाहिए।

 हमें हल्दी, नमक,  लाल मिर्च, जीरा, रिफाइंड आदि अपने गैस स्टोव के पास रख लेना चाहिए। उसके बाद गैस ऑन कर गैस चूल्हा ऑन कर उसके ऊपर फ्राई फैन रहना चाहिए, जिसमें की अंडे की भुर्जी तैयार हो सके।

 जब फ्राई फैन गरम हो जाए तो उसमें अंडों की मात्रा और प्याज टमाटर की मात्रा देखकर आवश्यकतानुसार कुछ चम्मच रिफाइंड डाल देना चाहिए। जब रिफाइंड पूर्ण रूप से गरम हो जाए तो उसमें बर्तन में रखे हुए बारीक कटे हुए प्याज डाल देनी चाहिए तथा प्याज को भूनना चाहिए।




 जब प्याज अच्छे तरीके से भुन जाए और उसके रंग में हल्का बदलाव आ जाए तो फिर उसमें कटे हुए  टमाटर के टुकड़े डाल देना चाहिए तथा कुछ पल टमाटर को भी भूनना चाहिए। तदुपरांत उसके ऊपर अपने आवश्यकतानुसार हल्दी, लाल मिर्च, नमक आदि डाल देना चाहिए और धनिया भी डाल देना चाहिए।

 कुछ पल उसक हिलाना चाहिए, उसके बाद बर्तन में रखा हुआ लिक्विड अंडे के पेस्ट को फ्राई फैन में डाल देना चाहिए। कुछ पल के हिलाने के बाद ही आपकी स्वादिष्ट अंडा भूर्जी खाने के लिए तैयार हो जाएगी।

 उसको आप प्लेट में परोस कर उसके ऊपर एग मसाला | egg masala भी छिड़क सकते हैं, जिससे उसका स्वाद और बेहतरीन हो जाएगा।

 यहां पर यह बताना भी उल्लेखनीय है कि कई व्यक्ति बिना प्याज टमाटर के भी अंडा भुर्जी बनाना पसंद करते हैं। हर जगह, हर समाज में अंडा भुर्जी बनाने की अपने अलग-अलग विधि होती है, जोकि सब अपने अपने तरीके से बनाते हैं। अब जैसी अंडा भुर्जी आपको पसंद हो वैसे बनाकर खाइए अपने दोस्तों को भी खिलाइए, और अपनी सेहत बताइए बनाइए।

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भारत में आवश्यक दवाइयों की सूची में संशोधन के बाद कीमतों में भारी गिरावट | Bharat mein avashyak davaiyon ki Suchi mein sanshodhan ke bad kimaton mein Bhari giravat

आज की पोस्ट में हम जानकारी | jankari दे रहे हैं की भारत सरकार द्वारा देश में आवश्यक दवाइयों की सूची में संशोधन के बाद दवाइयों की कीमतों में आई भारी गिरावट के संबंध में....।



जीवन के लिए अति आवश्यक दवाओं की सूची में संशोधन के बाद कीमतों में आई भारी गिरावट। जनता की हो गई बल्ले बल्ले।


भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने आम आदमी को बड़ी भारी राहत प्रदान की है। भारत में श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही अनेक जनकल्याणकारी कदम उठाए गए हैं, जिनमें हर घर शौचालय, गरीबों के लिए मुफ्त गैस का कनेक्शन, गरीबों के लिए निशुल्क मकान, मध्यम वर्ग के लिए मकानों पर सब्सिडी और देश के सभी नागरिकों के लिए ₹5,00,000 तक का मुफ्त इलाज आदि बहुत सी योजनाएं शामिल हैं। अब भारत सरकार के प्रयासों से देश में दवाइयों की कीमतों में भी काफी गिरावट देखने को मिली है। जिससे आम आदमी काफी राहत महसूस कर रहा है।

 भारत के राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण द्वारा दी गई jankari | जानकारी के अनुसार देश में आवश्यक दवाइयों की कीमत में 17% तक की गिरावट आई है। 

यहां पर यह बताना तर्कसंगत है की, दवा मूल्य नियंत्रण आदेश 2013 के अंतर्गत भारत सरकार हर साल जन स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक दवाओं की कीमतों की समीक्षा करती है। वर्ष 2022 में सरकार ने अति आवश्यक दवाओं की सूची में कुछ संशोधन किए थे, उक्त सूची में 870 की तरह की दवाइयां शामिल हैं।

 सरकार द्वारा किए गए उक्त संशोधन के बाद से ही दवाओं की कीमतों की समीक्षा लगातार जारी है। तब से लेकर अब तक कुल मिलाकर लगभग 652 तरह की कीमतों में कमी आई है।





पैरासिटामोल मात्र 89 पैसे और मेटफार्मिन 2 रु में मिलेंगी 


पेरासिटामोल की गोली मात्र 89 पैसे में और मेटफार्मिन की दवा की गोली मात्र ₹2 में दवाइयों की दुकान पर उपलब्ध होंगी।

 भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही हैं। मधुमेह टाइप 2 के रोगियों के लिए लाभकारी मेटफॉर्मिन टेबलेट अब मात्र ₹2 में मिलेगी। मेटफार्मिन की कीमत में भी 5.3% की कमी हुई है। 

वहीं पर पेरासिटामोल की 500 एमजी की टेबलेट में भी 12% तक की कमी दर्ज की गई है। 

इनके अलावा अन्य रोगों, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हर्ट अटैक आदि की दवाइयों   के भाव में भी कमी दर्ज की गई है। ऐसा अनुमान व्यक्त किया जा रहा है की आगामी कुछ दिनों के अंदर ही कुछ अन्य दवाओं की कीमतों में भी कमी आ सकती है। 

वहीं पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार दवाइयों की कीमतों में आई कमी के कारण वर्ष भर में 3500 करोड रुपए तक की बचत होने की संभावना है।