भारत में कृषि का महत्व क्या है | कृषि क्या है

 भारत में कृषि का महत्व क्या है तथा कृषि क्या है इसके बारे में हम आज विस्तार से जानकारी | jankari देंगे।


भारत एक कृषि प्रधान देश है और देश की लगभग 70 परसेंट आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि से जुड़ी हुई है। भारत विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। वर्तमान समय में भारत विश्व में कृषि उत्पादन के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है। भारत में विश्व में सबसे ज्यादा गेहूं, चावल, दूध, मसाले और दालों का उत्पादन होता है। इसके अतिरिक्त भारत फलों, सब्जियों, गन्ना, चाय, शुगर | चीनी के उत्पादन में दुनिया में दूसरे नंबर पर आता है। भारत में कृषि उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ के समान है


कृषि की उत्पत्ति | Origin of agriculture




कृषि को मानव जीवन की एक महान खोज भी कहा जा सकता है। पृथ्वी | earth के मानव इतिहास के शुरुआती चरण में मानव जीवन के विकास के क्रम में मानव पशुओं के समान ही पेड़ों पर और गुफाओं में रहता था तथा पेड़ों पर लगे फलों और आखेट के द्वारा ही अपना पेट भर पाता था, पर मानव जीवन के विकास के साथ-साथ सभ्यताओं का भी जन्म हुआ और मानव के जीवन क्रम में कृषि एक वरदान की तरह आया और इसने मानव को पूर्ण रूप से बदलकर रख दिया।

 कृषि, अग्नि तथा पहिया, भूमि पर यह तीन ऐसे अविष्कार थे जिसने आज के मानव को सभ्य मानव का कहलाने का मौका दिया। कृषि मानव जीवन का एक प्रमुख अविष्कार तथा विकास स्तंभ था, जिसके कारण सभ्यताओं का उदय हुआ। शुरुआती चरण में इसमें पालतू जानवरों मुख्य तौर पर कुत्तों, बकरियों, भेड़ों और घोड़ों को भी पाला जाने लगा तथा छोटे-छोटे क्यारियों में खेत बनाकर खेती की जाने लगी, लेकिन जैसे-जैसे सभ्यताओं का उदय हुआ, नित नए नए प्रयोग किए जाने लगे। मानव उर्वरक का इस्तेमाल भी सीख गया और आज की कृषि अति आधुनिक कृषि है। आज कृषि के उत्पादन में तमाम वैज्ञानिक पद्धति अपनाई जाती है, जिसके कारण कृषि के पैदावार में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हुई है।


कृषि क्या है और यह कितने प्रकार की होती है | what is agriculture and its types





मानव को प्रकृति द्वारा दिए गए सुंदर उपहार धरती, हवा और सूर्य का इस्तेमाल करके अपने भोजन, कपड़ा, इंधन आदि की प्रारंभिक पूर्ति के लिए मनुष्य द्वारा जो उत्पादन किया जाता है, उन्हें ही कृषि कहा जाता है। कृषि के लिए मिट्टी, पानी, हवा और सूरज की रोशनी की आवश्यकता पडती है, जोकि मानव को ईश्वरीय देन है।
यह भी कहां जा सकता है की इस धरा पर की जाने वाली वह समस्त क्रियाएं जो फसलों के उत्पादन और पशुपालन के लिए की जाती है, कृषि के अंतर्गत आते हैं।


कृषि कई प्रकार की हो सकती है | Agriculture can be of many types





 जैसे : मिश्रित खेती | mixed farming , रोपण कृषि | plantation farming  , पट्टीदार खेती | strip cropping , रिले क्रॉपिंग | relay cropping  , कृषि वानिकी | agro forestry , मिश्रित कृषि  | mixed cropping , समोच्च कृषि |  contour pharming  संरक्षित खेती | conjurrative agriculture आदि।



भारतीय कृषि के लिए उपलब्ध सिंचाई के साधन | means of irrigation available for Indian agriculture


भारतीय कृषि मुख्य तौर पर मानसून आधारित कृषि है। जिस वर्ष में भारत में मानसून समय पर आता है और उचित मात्रा में बरसात होती है, उस वर्ष कृषि की पैदावार अच्छी होती है। इसके विपरीत जिस वर्ष मानसून में बारिश की मात्रा कम होती है और मानसून भी समय पर नहीं आता उस वर्ष भारत की कृषि पर भी इसका दुष्प्रभाव देखा जाता है और कृषि पैदावार कम हो जाती है।

 समय के साथ-साथ भारत सरकार ने देश में कई बांध सिंचाई के लिए बनवाए और नहरों का जाल भी बिछवाया, जिससे भारतीय कृषि में आमूलचूल परिवर्तन आए। नहरों के अलावा भारत में तालाबों से भी कृषि की जाती है, इसके अतिरिक्त ट्यूबवेल भी कृषि के लिए वरदान बनकर सामने आया और भारी संख्या में किसान ट्यूबेल से अपने खेतों की सिंचाई करते हैं। कई जगह सिंचाई के लिए नदियों का पानी भी इस्तेमाल किया जाता है। भारत में भी लाखों हेक्टर जमीन नदियों के पानी से सिंचित होती है और उसमें कृषि कार्य किया जाता है।



कृषि प्रणाली क्या है | what is farming system


आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों के चलते हुए जिसके अंतर्गत कोई कृषि कार्य किया जाता हो उसे ही कृषि प्रणाली कहा जाता है। इस प्रणाली के अंतर्गत -

निगमित खेती | corporate farming 

पूंजीवादी खेती | capitalistic arming
 
 सामूहिक खेती | collective farming 

 राजकीय खेती | state pharming

सहकारी खेती |  Cooperative pharming  

कृषि यंत्रीकरण | agriculture mechanization 
आदि आते हैं।



ऋतुओं के आधार पर फसलों का वर्गीकरण | classification off crops on the basis of seasons



भारत में मुख्य तौर पर चार ऋतु होती है, जिसमें ग्रीष्म ऋतु, शरद ऋतु, वर्षा ऋतु और बसंत ऋतु है। भारत में ऋतु के हिसाब से ही फसलों का वर्गीकरण होता है। प्रत्येक ऋतु में अनुकूल पैदावार देने वाले कृषि उपज को बोया जाता है,  इसका मुख्य उद्देश्य अच्छी पैदावार लेना और मौसम के अनुकूल फसलों का बोया जाना होता है। भारत में खेती मुख्य तौर पर मानसून पर आधारित होती है।


रबी की फसलें : रबी की फसलों में मुख्य तौर पर उड़द, गेहूं, चना, जो, मटर, सरसों, मसूर तंबाकू, उड़द आदि बोए जाते हैं।


खरीफ की फसलें : खरीफ की फसलों में भारतीय किसान आमतौर पर मक्का, धान, बाजरा, मूंगफली, लोबिया, कपास, तिल, ज्वार, गवार, सोयाबीन, गन्ना, ढेंचा, भिंडी आदि की बुवाई करते हैं।


जायद की फसलें : भारत में जायद की फसलों में आमतौर पर मिर्च, खीरा, तोरई लौकी टिंडा कद्दू खरबूजा खरबूजा सूरजमुखी, तोरई, मिर्च, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, खीरा, ककड़ी आदि की फसलें बोई जाती है।


फसलों का वर्गीकरण | classification of crops


हम फसलों का फसलो का वर्गीकरण निम्न तरह से कर सकते हैं ।




 जैसे : दलहनी फसलें, रेशेदार फसलें, औषधीय फसलें, शर्करा वाली फसलें, जड़ और कंद वाली फसलें, तिलहनी फसलें, चारा देने वाली फसलें, अन्न पैदा करने वाली फसलें, दलहनी फसलें, रेशेदार फसलें, मसाले वाली फसलें, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन आदि।

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