डेयरी उद्योग कैसे शुरू करें | dairy farming in hindi

भारत एक कृषि प्रधान देश है तथा इसकी 75 पर्सेंट से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर कृषि का गहरा प्रभाव है । जिस वर्ष कृषक भाइयों की फसल अच्छी होती है, उस वर्ष भारत की विकास दर यानी जीडीपी मैं भी उछाल दर्ज किया जाता है।

 कोरोना काल में भी लगे लॉकडाउन के कारण उद्योग धंधे बंद हो गए थे तथा देश की अधिकांश लोगों को घर में बैठना पड़ गया था। दुनिया के अधिकांश देशों में आर्थिक मंदी आ गई थी, उस वक्त भी किसान भाइयों की मेहनत की बदौलत भारत में कृषि उद्योग में तेजी दर्ज की गई और भारत की अर्थव्यवस्था को कृषि उद्योग ने मजबूत सहयोग प्रदान किया। भारत से रिकॉर्ड तोड़ कृषि उत्पादों का विश्व में निर्यात किया गया और कृषि उत्पादों के निर्यात से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लबालब भर गया।




डेयरी उद्योग का महत्व 

भारत के कृषि प्रधान देश होने के कारण डेयरी उद्योग का महत्व अत्याधिक है। वर्तमान समय में भारत दुनिया में दुग्ध उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान पर पहुंच चुका है। इस स्थान पर पहुंचने के लिए किसान भाइयों ने बहुत मेहनत की है, वहीं पर भारत सरकार का योगदान भी अत्यंत सराहनीय है ।




डेयरी उद्योग की सरंचना 


डेयरी उद्योग की संरचना में मुख्य तौर पर किसान भाइयों द्वारा दुधारू पशु पालन कर दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी करना होता है। आज के किसान आधुनिक रूप से पशुपालन कर रहे हैं तथा उम्दा दुधारू पशुओं को वैज्ञानिक तरीके से देखभाल कर अत्यधिक दूध उत्पादन कर रहे हैं जोकि सराहनीय है।


डेयरी उद्योग लोन 

भारत में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत सरकार तथा कई राज्य सरकारों द्वारा भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों में अच्छी नस्ल के पशु किसानों को दूध उत्पादन में देने के अलावा डेयरी उद्योग लोन तथा सब्सिडी देना भी उल्लेखनीय है। डेयरी उद्योग ऋण में कई  योजनाओं में भारत सरकार द्वारा ब्याज में छूट भी दी जा रही है, जिसके सराहनीय नतीजे भी सामने आ रहे हैं। किसान भाइयों की मेहनत और भारत सरकार तथा राज्य सरकारों की सूझबूझ तथा दिए जा रहे हैं प्रोत्साहन से भारत में दुग्ध उत्पादन में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है।


डेयरी उद्योग की समस्याएं

डेयरी उद्योग की समस्याएं अत्यधिक जटिल है। आज के महंगाई के दौर में जिस हिसाब से दुधारू पशुओं की कीमत, पशुओं के चारे की कीमत, पशुओं के रखरखाव का खर्चा बड़ा है, उस हिसाब से दूध की कीमत नहीं बढ़ी है। इस कारण से किसान भाइयों को दूध में उत्पादन में ज्यादा फायदा नहीं हो पा रहा। 

इसके अतिरिक्त कई जगह जो गांव शहर से ज्यादा दूरी पर हैं, वहां से दूध शहर में लाना काफी मुश्किल होता है। हजारों गांव में अभी तक सरकार की तरफ से कोई भी दुग्ध क्रय केंद्र नहीं खोले गए हैं, जिसके कारण किसान भाइयों को अपने दुधारू पशुओं का दुग्ध ओने पौने दामों पर बेचना पड़ता है।

 दूसरी तरफ भारतीय कृषि मानसून आधारित है, जिसमें कई बार सूखा,बाढ़ आदि प्राकृतिक  आपदाओं का सामना करना पड़ता है। जिसके लिए कोई भी उचित नीति सरकार की तरफ से नहीं है, जिसका खामियाजा किसान भाइयों को भुगतना पड़ता है। प्राकृतिक आपदा का असर दुग्ध उत्पादन पर भी दिखाई देता है।


dairy farm in hindi | dairy farming in hindi 

दुधारू पशुओं को पालकर उनसे उत्पादन करने के व्यवसाय को ही डेयरी फार्म कहा जा सकता है।




डेयरी उद्योग कैसे शुरू करें

किसान भाइयों से दूध खरीद कर, उनके विभिन्न प्रोडक्ट,
 जैसे - मावा, मक्खन, देसी घी, पनीर, मिठाई आदि को बनाकर तथा दूध को प्रोसेस कर पैकिंग कर दुकानों पर बेचने को ही डेयरी उद्योग कहा जाता है। तथा कोई भी व्यक्ति विभिन्न संसाधनों के साथ डेयरी उद्योग का कार्य शुरू कर सकता है।


डेयरी फार्म कैसे शुरु करें 

डेयरी उद्योग को कोई भी व्यक्ति शुरू कर सकता है इस उद्योग के लिए डेरी फार्म के लिए काफी मेहनत की आवश्यकता होती है। सर्वप्रथम उचित जगह की आवश्यकता होती है, जहां पर दुधारू पशुओं को बांधा जा सके।


भारत के नंबर वन डेयरी कौन सी है

भारत की सबसे बड़ी डेयरी अमूल सहकारी है। Amul dairy को गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ के नाम से भी जाना जाता है।

भारत में सबसे बड़ी डेयरी कौन सी है 

भारत ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे बड़ी डेयरी अमूल सहकारी है। अमूल की स्थापना वर्ष 1946 में हुई थी तथा यह भारत के गुजरात राज्य में स्थित है।

डेयरी व्यवसाय में कितना मार्जिन होता है 

dudh dairy business | डेयरी व्यवसाय में मार्जिन व्यक्ति के द्वारा किए जाने वाले व्यवसाय की मात्रा, उसकी बिक्री और टर्नओवर पर निर्भर करती है। जिसका व्यवसाय बड़ा होगा, खर्च नियंत्रण में होगा, टर्नओवर अच्छा होगा, उस व्यवसाई को डेयरी व्यवसाय में अधिक मार्जिन होता है।

दूध डेयरी खोलने में कितना पैसा लगता है

दूध डेयरी खोलने में पैसा किए जाने वाले कार्य की मात्रा पर निर्भर करती है। अगर बड़ी मात्रा में दूध डेयरी व्यवसाय करना है तो बड़ी मात्रा में पूंजी निवेश करना पड़ेगा, अगर छोटी मात्रा में कारोबार करना है तो कम पूंजी निवेश करना पड़ेगा। वैसे कोई भी व्यक्ति कम पूंजी के साथ भी डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकता है।milk dairy business plan in hindi. 


सरकारी दूध डेयरी कैसे खोलें

किसी भी किसी भी सहकारी दुग्ध उत्पादन संघ के साथ उसके नियमानुसार समझौता करके या उससे परमिट लेकर सरकारी दूध डेयरी खोली जा सकती है।

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